प्र.म. विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्यान्वित की गई है, जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है, जिसका प्रारंभिक परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये है। 17 सितंबर, 2023 को आरंभ की गई यह योजना आरंभ से 2027-28 तक पांच साल के लिए है।
इसका उद्देश्य गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ विश्वकर्माओं यानी कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों। इस योजना में शुरुआत में इन व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ प्रदान करने के लिए 18 व्यवसायों को शामिल किया गया है।
योजना के उद्देश्य हैं
यह एक समग्र योजना है जिसमें कारीगरों और शिल्पकारों को अद्योपांत तक सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है
प्र.म. स्वनिधि योजना, भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य गली विक्रेताओं की आजीविका का समर्थन और उत्थान करना है। यह योजना गली विक्रेताओं को वित्तीय सहायता, ऋण तक पहुंच और अन्य संसाधन प्रदान करती है।
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सिडबी दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए परियोजना प्रबंधन एजेंसी है, जिसे दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय द्वारा रुपये 12,195 करोड़ के परिव्यय के साथ आरंभ किया गया था। इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, आयात प्रतिस्थापन और दूरसंचार और नेटवर्किंग उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में वैश्विक चैंपियन बनाना है।
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सिडबी फार्मास्यूटिकल्स के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के लिए परियोजना प्रबंधन एजेंसी है, जिसे रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा 15,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रारम्भ किया गया था।
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भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के औषध विभाग की औषध उद्योग को मजबूत करने की योजना (एसपीआई) उत्पादकता, गुणवत्ता और स्थिरता में सुधार के लिए पहले से मौजूद फार्मा समूहों और एमएसएमई को समर्थन की मांग और आवश्यकता को संबोधित करती है। यह योजना 21 जुलाई, 2022 को माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री द्वारा शुरू की गई। इस योजना में 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित है, जिसे 3 उप योजनाओं में विभाजित किया गया है, I. सामान्य सुविधाओं के लिए औषध उद्योग को सहायता (APICF) (178.40 करोड़ रुपये); II. औषध प्रौद्योगिकी उन्नयन सहायता योजना (पीटीयूएएस) (300.10 करोड़ रुपये); III. औषध और चिकित्सा उपकरण संवर्धन और विकास योजना (पीएमपीडीएस) (21.10 करोड़ रुपये)। सिडबी इस योजना के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता (पीएमसी) है।
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सिडबी के नेतृत्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संघ ने ऋण सुविधाओं के लिए 2018 में एक डिजिटल मार्केट प्लेस के रूप में भारत सरकार के ईएएसई (EASE) कार्यक्रम से बाहर आकर एक संपर्क रहित ऋण प्लेटफ़ॉर्म स्थापित किया।
“59 मिनट में पीएसबी ऋण” पोर्टल का शुभारंभ 02 नवंबर, 2018 को किया गया था। प्लेटफ़ॉर्म में 7.17 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 5.55 लाख आवेदन अनुमोदित किए गए हैं। इस प्रकार, यह प्लेटफॉर्म उभरते और विस्तारित डिजिटल परिदृश्य के अनुरूप नए हस्तक्षेपों की गुंजाइश के साथ, एमएसएमई को ऋण प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण डिजिटल हस्तक्षेप के रूप में स्थापित है। ओपीएल ने सरकारी योजनाओं के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल (www.jansamarth.in) भी विकसित और प्रबंधित किया है, जिसका शुभारंभ माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किया गया था। इस में जन सुरक्षा पोर्टल के साथ-साथ उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म के विकास और प्रबंधन भी शामिल रहा है। ओपीएल अब देश के कई अग्रणी बैंकों को सीधे ऋण प्रसंस्करण समाधान प्रदान कर रहा है। इसने आईएसपीआईआरटी के सहयोग से सिडबी के लिए जीएसटी सहाय प्लेटफॉर्म के अलावा, सिडबी के संरक्षण में सिबिल ट्रांसयूनियन के साथ मिलकर एक एफआईटी रैंक भी बनाई है।
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सिडबी ने डीएफएस के सहयोग से भारत सरकार के स्टैंडअप इंडिया कार्यक्रम को संचालित करने के लिए 2016 में स्टैंडअप इंडिया पोर्टल और उदयमित्र पोर्टल विकसित किया। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के तहत सिडबी को अनेक ऋण/एमएसएमई से जुड़ी योजनाओं के डिजिटल कार्यान्वयन को सक्षम करने के लिए उदयमित्र पोर्टल को नया रूप दिया गया है। इन डिजिटल परियोजनाओं को अनुकूलित किया गया था और इसमें संबंधित मंत्रालयों के कई हितधारकों के लिए कार्य प्रवाह शामिल थे। इसके अतिरिक्त, सिडबी ने योजना निर्माण में अपनी विशेषज्ञता भी बढ़ाई है। इस प्लग-एन-प्ले मॉडल ने कार्यक्रम कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण दक्षता प्रदान करने के अतिरिक्त इन योजनाओं को प्लेटफ़ॉर्म पर ओनबोर्ड करने में लग रहे समय को घटाया है। सिडबी ने विभिन्न मंत्रालय स्तर के कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग फ्रंट फेसिंग पोर्टल बनाए हैं, जो बैकएंड पर उदयमित्र के साथ सहज एकीकरण के साथ-साथ ब्रांडिंग और संबंधित पारितंत्र को सक्षम बनाते हैं। इस दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप उदयमित्र मंच सिडबी के लिए एक प्रभावी डिजिटल संपत्ति के रूप में उभरा है
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पशुपालन और डेयरी विभाग प्रधान मंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत "पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) योजना" लागू कर रहा है। इस योजना में उद्यमियों को डेयरी/मांस प्रसंस्करण इकाई और पशु चारा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ऋण गारंटी और ब्याज छूट के प्रावधान हैं। सिडबी योजना के लिए आद्योपांत डिजिटल एप्लिकेशन कार्य प्रवाह को सक्षम करके योजना का कार्यान्वयन भागीदार है।
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पशुपालन और डेयरी विभाग "राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम)" लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य पशुपालन क्षेत्र में रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास और उत्पादकता में वृद्धि करना है। सिडबी योजना के लिए अद्योपांत डिजिटल एप्लिकेशन कार्य प्रवाह को सक्षम करके योजना के कार्यान्वयन भागीदार के रूप में काम कर रहा है और फंड चैनलाइजिंग एजेंसी के रूप में कार्यरत है।
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सिडबी विशिष्ट क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (एससीएलसीएसएस) के तहत नोडल एजेंसियों में से एक है, जिसे मई, 2017 से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति–अनुसूचित जनजाति हब (एनएसआईसी के) के तहत एमएसएमई मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था ताकि इच्छुक अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति द्वारा नए उद्यमों की स्थापना को बढ़ावा दिया जा सके और 25% अग्रिम पूंजी सब्सिडी प्रदान करके सार्वजनिक खरीद में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए और मौजूदा एमएसई की क्षमता निर्माण करना। यह योजना 438 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2025-26 तक जारी रहेगी।
अधिक जानकारी निम्नलिखित वेबसाइट पर प्राप्त की जा सकती है - https://www.scsthub.in/content/special-credit-linked-capital-subsidy-scheme
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