नवीनतम विकास
एमएसएमई इन फोकस
निविदाएं
क्षेत्रीय प्रभारी

इसमें मुझे कोई संदेह नहीं कि अगर हम लघु उद्योगों की मदद करते हैं तो राष्ट्रीय सम्पदा को समृद्ध करते हैं। मुझे इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि सच्चे स्वदेशी इन गृह-उद्योगों को प्रोत्साहित और पुनर्जीवित करते हैं। यह लोगों की रचनात्मकता और साधनसंपन्नता को दर्शाने का एक जरिया भी है । यह देश में सैकड़ों युवाओं को जिन्हें रोजगार की जरूरत है, रोजगार प्रदान कर सकता है। इससे वर्तमान में व्यर्थ होने वाली सभी ऊर्जा को एक नई दिशा दी जा सकती है।

सिडबी 2.0

विज़न 2.0

एमएसएमई परिवेश में, अखिल भारतीय वित्तीय संस्था के रूप में उभरते हुए बैंक को एकीकृत ऋणदाता और विकास के समर्थक की भूमिका में रूपांतरित करना और वैचारिक नेतृत्व प्रदान करते हुए क्रेडिट-प्लस अवधारणा को अपनाते हुए गुणक प्रभाव बनाकर,एक समूहक के रूप में कार्य करना।

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प्रत्यक्ष ऋण अन्य उत्पाद

एमएसएमई क्लस्टर विकास पहल

Msme Cluster Development Initiatives

एमएसएमई क्लस्टर में रहते हैं और फलते-फूलते हैं

सिडबी अपने प्रत्यक्ष ऋण व्यवसाय के साथ-साथ प्रचार और विकास हस्तक्षेपों के माध्यम से समूहों में लगा हुआ है।ध्यान केंद्रित करने के लिए, सिडबी ने अब सॉफ्ट और हार्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर दोनों से क्लस्टर विकास में भाग लेने के लिए क्लस्टर डेवलपमेंट वर्टिकल की स्थापना की है। श्री यूके सिन्हा समिति की सिफारिशों के अनुरूप, सिडबी ने आरबीआई के समर्थन से सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड (एससीडीएफ) की स्थापना की है।

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पर्यावलोकन


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) उद्यमिता की पौध-शाला होते हैं। ये हमारी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। सिडबी 27 वर्ष से भी अधिक समय से एमएसएमई क्षेत्र में कार्यरत है। इस नाते यह एमएसएमई क्षेत्र के समग्र विकास के लिए विश्वसनीय संरचनागत हस्तक्षेप करने में जुटा रहा है। अल्प वित्त संस्थाओं के विकास, ग्रामीण उद्यम संवर्द्धन, प्रत्यक्ष सहायता और अपने पुनर्वित्त के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र के लिए धन की आपूर्ति बढ़ाने में सिडबी का उल्लेखनीय योगदान है। नीतिगत पैरोकारी भी सिडबी का एक महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र रहा है।और पढ़ें

इंडस्ट्री स्पॉटलाइट


इंडस्ट्री स्पॉटलाइट - सिडबी, सीआरआईएफ के सहयोग से, एमएसएमई पर केन्द्रित, उद्योग क्षेत्रों / समूहों पर आधारित त्रैमासिक रिपोर्ट ’इंडस्ट्री स्पॉटलाइट’ सहर्ष प्रस्तुत करता है। इस साझेदारी के तहत प्रत्येक तिमाही में विभिन्न क्षेत्रों की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट जारी की जाएगी। ये रिपोर्टें, जो बीजाकार समूह आंकड़ों का विश्लेषण करता है, नीति निर्माताओं, बैंकरों और एमएसएमई सहित अन्य हितधारकों को अंतर्दृष्टि प्रदान करने का एक प्रयास हैं।

एमएसएमई पल्स

यह एमएसएमई क्षेत्र की निगरानी और ट्रैकिंग के आधार पर त्रैमासिक रूप से प्रकाशित व्यापक रिपोर्टें है। यह सुविज्ञ व्यापार निर्णय लेने के लिए क्रेडिट उद्योग को प्रवृत्तियों और अंतर्दृष्टि के बारे में जानकारी प्रदान करता है जिससे नीति निर्माताओं को अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है।

माइक्रोफ़ाइनेंस पल्स

"माइक्रोफाइनेंस पल्स" अपनी तरह का पहला न्यूजलेटर है जो माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में प्रवृतियों को ट्रैक करता है जैसे संवितरण अपचार, राज्यवार वितरण, शीर्ष ऋण श्रेणियां आदि।

SPeX
द ग्रीन पल्स

भारत में MSMEs का सस्टेनेबिलिटी परसेप्शन इंडेक्स

फिनटेक पल्स

फिनटेक पल्स, भारत में फिनटेक वित्तीयन पर आधारित एक त्रैमासिक रिपोर्ट है जो असेवितों और अल्पसेवितों को पर्याप्त ऋण सुपुर्दगी में विभेदकों के रूप में उभर रहे नए युग की फिनटेक संस्थाओं पर केन्द्रित है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य यह दर्शाना है कि किस प्रकार उभरती हुई प्रौद्योगिकियां वित्तीय क्षेत्र में खलल का कारण बन रही है और प्रमुख मानकों पर कार्यनिष्पादन आदि के बारे में विश्लेषणात्मक सामग्री देने के अतिरिक्त ऋण परिदृश्य में इन प्रौद्योगिकियों के प्रभाव को प्रकाशित करना है।

क्रिसिडेक्स

सिडबी और क्रिसिल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित देश में अपनी तरह का पहला है, क्रिसिडेक्स 0 (अत्याधिक नकारात्मक) से 200 (अत्याधिक सकारात्मक) के पैमाने पर सूक्ष्म और लघु उद्यमों के व्यापार रुख को मापता है। सूचकांक के लिए पैरामेट्रिक प्रतिसूचना 1100 सूक्ष्म और लघु उद्यमों के सर्वेक्षण के माध्यम से प्रग्रहीत किया गया है।

उद्यम अभिलाषा

सिडबी ने 28 राज्यों के 115 आकांक्षी जिलों में उद्यमिता जागरूकता पैदा करने के लिए उदयम अभिलाषा अभियान शुरू किया था। सिडबी ने अभियान का कार्यान्वयन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक विशेष प्रयोजन वाहन सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, के साथ भागीदारी की है। इस पहल में 470 प्रशिक्षण स्थानों को कवर किया गया जिसमें गाँव स्तर के उद्यमियों के माध्यम से प्रतिभागियों को 2.70 लाख घंटे से अधिक का प्रशिक्षण दिया गया, इसमें 18000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिसमें 35% महिलाएँ रहीं और कई स्थानीय उद्यमों की स्थापना की गयी है।