संस्थागत वित्त

बैंकों के माध्यम से सहायता

संक्षिप्त रूपरेखा

पात्र प्राथमिक ऋणदात्री संस्थाओं (पीएलआई), जैसे - बैंक, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफ़सी) और अल्प-वित्त संस्थाओं (एमएफ़आई) को सूक्ष्म-लघु-मध्यम उद्यमों को आगे ऋण देने के लिए संस्थागत वित्तपोषण।

बैंकों, एनबीएफसी और एमएफआई के माध्यम से सहायता

पुनर्वित्त योजनाएँ

रूपरेखा

अनुसूचित बैंकें विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सिडबी से सहायता के लिए पात्र हैं।

गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों को सहायता

रूपरेखा

प्रणालीगत दृष्टि से महत्वपूर्ण व अच्छी रेटिंग वाली गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियाँ (एनबीएफ़सी) - जो भारतीय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत हैं – जिनमें आस्ति वित्त कंपनियाँ / ऋण कंपनियाँ / मूलभूत ढांचा वित्त कंपनियाँ (जमा संग्रहित करने वाली और जमा संग्रहित न करने वाली, दोनों वर्गों की कंपनियाँ शामिल हैं) जो सूक्ष्म-लघु-मध्यम उद्यम क्षेत्र (एमएसएमई) के उद्यमों को वित्त प्रदान करने में संलग्न हैं।

गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों को सहायता

  • उन अर्ह संस्थाओं को (एमएसएमईडी अधिनियम 2006 में दी गई परिभाषानुसार), जो मंजूरी के न्यूनतम मानदंड पूरा करती हैं, को सिडबी की ओर से संसाधन

उभरती एनबीएफसी को सहायता के लिए योजना

रूपरेखा

आरबीआई के साथ पंजीकृत एनबीएफसी-आईसीसी सूक्ष्म और लघु उद्यमों को ऋण के माध्यम से वित्तपोषण में लगे हुए हैं जो छोटे व्यवसायों / आय सृजन गतिविधियों में लगे हुए हैं।

उभरती एनबीएफसी को सहायता के लिए योजना

  • योग्य संस्थाओं को सिडबी से सहायता (एमएसएमईडी अधिनियम 2006 के अनुसार / भारत सरकार की राजपत्र अधिसूचना एस.ओ.2119 (ई) दिनांक 26 जून, 2020 में निहित परिभाषा के अनुसार, समय-समय पर संशोधित)